Thursday, February 4, 2010

बो भाषा का निधन !

BBC Report के अनुसार: Ancient Indian language dies out
भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह जो की एक प्रगेतिहासिक क्षेत्र ही में चार तरह की जनजाति के लोग रहते हैं. क्योंकी इनका लिंक अफ्रिका के प्रगेतिहासिक लोग जन्जातोयों के साथ ही जो की लगभग ७०,००० वर्षा पुराना ही, इनकी बोली भी अपने में एक अनोखी ही भाषा ही. क्योंकि इन जनजाती के लोगों की संख्या जो की कोई ५० से लेकर २५० ही ही, इनके रेहान सेहन, और भाषा का अपने में एक मेहेत्व ही जो की हमें ७०,००० वर्षा पुराने समय को जानने में मदद करता ही. इन्ही जनजाति की एक महिला बोया सीनियर के देहांत के साथ ही एक ऐतिहासिक भाषा भी विलुप्त हो गयी. बोया सीनियर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में बोली जाने वाली भाषा 'बो' को जानने और बोलने वाली आज के समय की इकलौती इंसान थीं. इस भाषा के बारे में जान कारी यहाँ प्राप्त करें.

Saturday, December 19, 2009

संसार भर के बीजों के संरक्षण का अभियान

जोनाथन द्रोरी की टॉक को सुने और जाने की हमारे संसार भर के पौधों के बीजों के संरक्षण के लिए क्या क्या प्रयास करे जा रहे हैं। विशेषतया अंतर्राष्ट्रीय लेवल पर ।

प्रोटेक्टिंग क्रोप बयोदैवेर्सिती

इस टॉक को सुने और अच्छी जानकारी से रूबरू हों ।

Wednesday, June 18, 2008

एक कार ऐसी जो बिना गैसोलीन के चले

आज के दिनों में मेंह्गाई और ऊपर से पेट्रोल और डीसल की पहाड़ पर चढ़ती कीमतों ने आज के इंसान और उसकी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए बहुत से वैज्ञानिक तथा वैकल्पिक ऊर्जा को इस्तेमाल में लाने को तत्पर कुछ कंपनियों को आज कल शोध में जुटा रक्खा हैं। इसी के चलते एक टेक्नोलॉजी पर ज्यादा ध्यान लगाया जा रहा है जिसको 'फुएल सेल' टेक्नोलॉजी कहा जाता है। इसमें भी हाइड्रोजन फुएल सेल टेक्नोलॉजी ज्यादा तत्परता से देखी जा रही है। हाल ही में कार बनाने वाली कंपनी होंडा ने अपनी पहली हाइड्रोजन फुएल सेल टेक्नोलॉजी पर आधारित कार को बाज़ार में उतारा है। मॉडल का नाम है FCX Clarity। इसमें इंधन का आधार हाइड्रोजन गैस और इलैक्ट्रिक बैटरी है। गसोलीन पदार्थ की कोई ज़रूरत नहीं है। इसको चलाने पर किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता सिर्फ़ पानी ही बन कर बाहर आता है। ज्यादा जानकारी के लिए इस लिंक पैर क्लिक करें या फ़िर नीचे दिए यूट्यूब वीडियो देखें । आशा है जल्द ही यह टेक्नोलॉजी भारत में भी कार तथा अन्य ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने ऑटो प्रोदुक्ट्स में इस्तेमाल करेंगी। यह आज की प्रचलित हाइब्रिड टेक्नोलॉजी से ज्यादा उन्नत ही । आज की चिर परिचित प्रचलित टेक्नोलॉजी जो की टोयोटा प्रिउस जैसी कार इस्तेमाल करती है उसमें गसोलीन और बैटरी का प्रयोग होता है । इसी गसोलीन टेक्नोलॉजी वाली होंडा सिविक हाइब्रिड कार कुछ दिन पहले भारत में मुहैय्या कराई जाने लगी है।








www.blogvani.com